गाजियाबाद श्रम विभाग के आला अधिकारी एवं कर्मचारी की लापरवाही के चलते नही मिल रहा है श्रमिकों को योजनाओं का लाभ


गाजियाबाद : जिले में पंजीकृत श्रमिकों की समस्याएं दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है.पंजीकरण से लेकर रोजगार उपलब्ध कराना व उनके हित लाभ के लिए प्रदेश सरकार द्वारा संचालित योजनाओं की जानकारी न हो पाना बड़ी समस्या हो गई है. जिसके कारण मजदूरों को उनके कल्याणर्थ संचालित योजनाओं का उनको लाभ नहीं मिल पा रहा है.जानकारी के अभाव में श्रमिक प्रदेश सरकार की योजनाओं का लाभ नहीं ले पा रहे हैं.प्रदेश सरकार श्रमिकों के लिए 17 ऐसी योजनाएं चला रही है जिससे वे मजदूरी के साथ-साथ अपने जीवन यापन के लिए योजनाओं से लाभ भी ले सकते हैं. गाजियाबाद श्रम कार्यालय में वैसे तो काफी श्रमिक पंजीकृत है लेकिन जो नए श्रमिक आते हैं उनके पंजीयन उनके लाभदाई योजनाओं के आवेदन के लिए दर्जनों चक्कर लगाने पड़ते हैं इसके बावजूद उनके पंजीयन और लाभकारी योजनाओं का फायदा नहीं मिल पाता.पंजीकृत श्रमिकों को नहीं पता सरकार की कि योजनाओं से होगा उनका भला विभाग बना लापरवाह जिले के बहुत से ऐसे श्रमिक हैं जिन्हें यह पता ही नहीं है कि उनके कल्याण के लिए प्रदेश सरकार 17 ऐसी योजनाएं चला रही है जिनसे उनके जीवन यापन में चार चांद लग सकते हैं लेकिन जागरूकता ना होने के कारण लाभकारी योजनाओं से वंचित हो जा रहे हैं. श्रम विभाग दावा करता है कि आए दिन कैंप लगाकर श्रमिकों को उनकी योजनाओं के बारे में बताया जाता है लेकिन यह दावा कितना सच है कि प्रदेश सरकार द्वारा संचालित श्रमिकों के लिए लाभकारी योजनाएं उन तक नहीं पहुंच पा रही है. प्रदेश सरकार द्वारा संचालित योजनाओं में महिला श्रमिकों के लिए मातृत्व हितलाभ योजना, निर्माण कामगार बालिका मदद योजना वही पुरुषों के लिए संत रविदास शिक्षा सहायता योजना,मेधावी छात्र पुरस्कार योजना,आवासीय विद्यालय योजना, कौशल विकास तकनीकी उन्नयन एवं प्रमाणन योजना, कन्या विवाह सहायता योजना,निर्माण श्रमिक भोजन सहायता योजना,सौर ऊर्जा सहायता योजना, आवास सहायता योजना,चिकित्सा सुविधा योजना, गंभीर बीमारी सहायता योजना, अक्षमता पेंशन योजना, पेंशन सहायता योजना,निर्माण कामगार एवं विकलांगता सहायता योजना, निर्माण कामगार अंत्येष्टि सहायता योजना जैसी योजनाएं चला रही है .लेकिन दुर्भाग्य है जिनका उन्हें लाभ नहीं मिल पा रहा है और वजह है कि श्रम विभाग इन सारी योजनाओं को श्रमिको तक पहुंचाने में अक्षम साबित हो रहा है