मुख्यमंत्री के पोर्टल पर हर महीने आती हैं 30-40 शिकायतें गाजियाबाद स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही के चलते जिले में झोलाछाप डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई नहीं हो पा रही है। इसकी वजह से उनका धंधा धड़ल्ले चल रहा है। इस संबंध में सीएमओ कार्यालय से लेकर मुख्यमंत्री के पोर्टल पर हर महीने 30 से 40 शिकायतें पहुंचती हैं, लेकिन कार्रवाई के नाम पर बस नोटिस जारी किए जाते हैं। सीएमओ डॉ. एन.के. गुप्ता का कहना है विभाग की ओर से हर महीने 10 से 15 नोटिस जारी किए जाते हैं। विभागीय सूत्र बताते हैं कि अधिकारी झोलाछाप डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई करने से बचते हैं और उनकी पूरी जांच भी नहीं करते। सालभर में स्वास्थ्य विभाग ने लगभग एक हजार चिकित्सकों का रजिस्ट्रेशन कागजों के आधार पर किया है। इनमें से किसी भी चिकित्सक की मौके पर पहुंचकर न तो जांच की गई और न ही उनके प्रमाणपत्रों की पड़ताल करवाई गई है। बता दें कि स्वास्थ्य विभाग की ओर से झोलाछाप डॉक्टरों के खिलाफ अभियान चलाया गया था। इस दौरान लगभग 20 झोलाछाप डॉक्टरों के खिलाफ एफआईआर करवाई गई थी। इस अभियान के बाद स्वास्थ्य विभाग ने केवल नोटिस ही जारी किए हैं, लेकिन कार्रवाई नहीं की। इन इलाकों से आती हैं शिकायतें शहर में मुरादनगर और मोदीनगर क्षेत्र से हर महीने सीएमओ कार्यालय में झोलाछाप डॉक्टरों की शिकायतें आती हैं। इसके अलावा मुख्यमंत्री के पोर्टल पर भी लोग शिकायत दर्ज कराते हैं। सूत्र बताते हैं कि सीएमओ कार्यालय में आने वाली शिकायतों की जांच के दौरान ही कई आरोपित अपना ठिकाना भी बदल लेते हैं।कई लोग गंवा चुके हैं जान 5 साल पहले मुरादनगर में झोलाछाप डॉक्टर द्वारा गलत इंजेक्शन लगाए जाने से एक गर्भवती महिला की मौत हो गई थी। इसके अलावा मुरादनगर में ही एक बच्चे और एक युवक भी झोलाछाप डॉक्टर का शिकार बन चुके हैं।मुरादनगर में 7 साल के बच्चे की गलत इंजेक्शन लगाने के चलते मौत हो गई थी। इसके अलावा मोदीनगर, मुरादनगर, में भी कई ऐसी घटनाएं हो चुकी हैं, जिसमें गलत इलाज और गलत इंजेक्शन की वजह से केस बिगड़ गए हैं। इसके बाद भी विभाग कार्रवाई नहीं कर रहा है।कोट शिकायत मिलते ही नोटिस जारी किए जाते हैं। इसके बाद डॉक्टर के प्रमाण पत्रों की जांच की जाती है। गड़बड़ी मिलने पर विभाग की ओर से एफआईआर दर्ज करवाने के साथ प्रशासन से सीलिंग का अनुरोध किया जाता है। -डॉ. एन.के. गुप्ता, सीएमओ