इतने लाख मजदूरों को नहीं मिली सरकारी मदद, कर रहे है इंतजार

इतने लाख मजदूरों को नहीं मिली सरकारी मदद, कर रहे है इंतजार


कोरोना वायरस (Coronavirus) के संक्रमण को रोकने के लिए 23 मार्च को 21 दिनों का लॉकडाउन (Lockdown) केन्द्र सरकार ने घोषित किया था। इस लॉकडाउन के कारण दिहाड़ी मजदूरों (Daily Wage Laborer) व उनके परिवारों के लिए बड़ी समस्या खड़ी हो गई है।


ऐसे में मजदूरों के पास कार्य नहीं है, जिसकी वजह से उन्हें खाने-पीने की बड़ी समस्या हो गयी है। इस समस्या को देखते हुए उत्तराखंड श्रम मंत्रालय ने श्रम विभाग में दर्ज़ मजदूरों के खाते में 1000 हजार रुपये सरकार की तरफ से दिए जाने की घोषणा की थी। हालांकि, यह बात दीगर है कि अभी तक कई मेहनतकश ऐसे हैं, जिनके बैंक खातों में अभी तक न ही रुपए पहुंचे हैं व न ही राशन मिला है।


दरअसल देहरादून के कैनाल रोड में उपस्थित एक बस्ती में करीब 100 से 150 दर्ज़ दिहाड़ी मेहनतकश ऐसे है। जिनके खातों में अभी तक सरकार के द्वारा एक हजार रूपये नहीं आया है। घोषणा होने के दिन से इन दिहाड़ी मजदूरों को उनके एकाउंट में एक हजार रूपये आने का इंतजार है। लेकिन अब तक इन मजदूरों के खातों में रुपए नहीं आए हैं। वहीं, मजदूरों का बोलना है कि वे हर दिन बैंकों में अपना खाता चेक करने के लिए जाते है कि शायद उनके बैंक खातो में सरकार ने एक हजार रूपये डाले होंगे, लेकिन उनको हर दिन निराश होना पड़ता है। मजदूरी करने वाली सुनीता कहती हैं कि नेता वोट लेने जरुर आ जाते है, लेकिन इस समय उनकी समस्या का निवारण करने के लिए कोई नहीं आया है।


पड़ोसियों की मेहरबानी पर मिल रही रोटियां
उन्होंने बोला कि दिहाड़ी मजदूरों के पास इतना रुपया नहीं होता कि वे बिना कार्य किए 21 दिनों तक अपने परिवारों का पेट भर सकें। दिहाड़ी मेहनतकश रोज कमाता है व उसी कमाई से प्रतिदिन अपने परिवार का पेट भरता है। मौजूदा स्थिति में हम सब के सामने भुखमरी जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई है। न ही सरकार की तरफ से अभी तक कोई राशन मिला है व न ही श्रम विभाग ने उनके खातों में रुपए भेजे है। गनीमत है कि अभी भी कुछ लोगों के दिल में मानवता अभी भी जिंदा है। आसपास रहने वाले ऐसे लोगों के रहमोंकरण पर हम अपना व अपने परिवार का पेट पाल रहे हैं। सुनीता कहती है कि हमें अपने परिवार का भरण पोषण करने के लिए आसपास के घरों पर निर्भर होना पड़ता है।


1.20 लाख मजदूरों को नहीं मिली सरकारी मदद
वैसे देखा जाये तो उत्तराखंड श्रम विभाग के भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड में सारे प्रदेश में लगभग 3 लाख दर्ज़ मेहनतकश हैं। इस के साथ ही देहरादून में 58 हजार के लगभग मेहनतकश दर्ज़ हैं। भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड के कोऑर्डिनेटर विजय चौहान ने बताया कि अबतक एक लाख 80 हजार दर्ज़ मजदूरों के खातों में पैसा भेज दिया गया है। वही, जिन लोगों के खाते में रुपए नहीं पहुंचे हैं, तो जल्द भेज दिए जाएंगे।